*बहरी पुलिस ने अंधी हत्या का खुलासा करते हुए आरोपी को किया गिरफ्तार ।*
*# आरोपी द्वारा पहले 11 हजार केव्ही करंट से किया गया चोटिल फिर गला दबा कर कि गई थी हत्या।*
_*# साक्ष्य मिटाने के उद्देेश्य से शव को किया था आग के हवाले।*_
*¶ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी पर 10000 रू का इनाम था घोषित ।*
श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय सीधी श्री पंकज कुमावत एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय सीधी सुश्री अंजुलता पटले के कुशल निर्देशन तथा एसडीओपी महोदय सीधी के कुशल मार्गदर्शन में,
8 माह पूर्व मिली अधजली लाश के के कातिल को बहरी पुलिस सीधी ने किया गिरफ्तार। न्यायालय पेश करते हुए पहुंचाया सलाखों के पीछे।
मामला विवरण
दिनांक 30.01.2020 की रात जंगली सूअर का शिकार करने की मंशा से आरोपी अनुज प्रताप सिंह चंदेल पिता जगभुवन चंदेल 42 वर्ष निवासी तरका बहरी द्वारा अपने खेत में 11 हजार केव्ही मेन लाईन से जीआई तार के द्वारा मार्ग मे करंट फैलाया गया था। जिसमें रामनिवास उर्फ राजा कोरी पिता सोभई कोरी उम्र 20 वर्ष निवासी तरका जब ट्रैक्टर से काम करके रात में वापस अपने घर जा रहा था तो आरोपी द्वारा फैलाए गए करेंट वाले तार के सपर्क में आने से पीड़ित का पैर झुलस गया एवं वह मदद के लिए हल्ला गुहार करने लगा आवाज सुनकर आरोपी वहां दौड़ते हुए आया एवं पुलिस की विधिक कार्यवाही से बचने के लिये आरोपी द्वारा रामनिवास का गला दबा कर हत्या कर दी गयी। साथ ही समस्त साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से पास के क्षेत्र मे जाकर मकाई का डंठल पत्ते एवं लकड़ी संग्रहित कर मृतक के शव को आग के हवाले करते हुए फैलाया हुआ तार हटाकर घटना स्थल से रफू चक्कर हो गया। जब पुलिस को घटना की जानकारी हुई तो बहरी पुलिस ने तत्काल लाश को कब्जे में लेते हुए मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम करवाया एवं आरोपी की तलाश की जाने लगी ।
मुखबिर द्वारा जानकारी मिली कि अनुज प्रताप सिंह जो आदतन शुअर का शिकारी है एवं असमाजिक गतिविधियों मे संलिप्त रहता है तथा घटना के बाद से ही गांव में दिखाई नहीं दे रहा है । जिस पर थाना प्रभारी बहरी उपनिरीक्षक कपूर त्रिपाठी द्वारा टीम गठित कर फरार चल रहे संदेही को पकड़ कर थाना लाया गया और कड़ाई से पॅूछ तॉछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल करने के साथ ही अपराध में प्रयुक्त जीआई तार को भी बरामद करवाया ।
उपरोक्त समस्त कार्रवाई में, थाना प्रभारी कपूर चन्द्र त्रिपाठी, उप निरीक्षक इंद्राज सिंह , आरक्षक दिनेश सिंह, विजय, राजू, महिला आरक्षक प्रिया तिवारी, तथा खुशांजलि तिवारी का विशेष योगदान रहा।