‘‘पोषण महोत्सव’’ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सीधी जिले की
15 नव निर्मित आंगनवाड़ी भवनों का किया
ई-लोकार्पण
996 लाडली लक्ष्मी हितग्राहियों को 24 लाख रुपये से अधिक
की छात्रवृत्ति वितरित
स्थानीय उपलब्ध खाद्य सामग्रियों से कुपोषण दूर करने
की बने रणनीति- विधायक श्री टेकाम
सीधी 17 सितम्बर 2020
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में
प्रदेश में गरीब कल्याण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में
गुरुवार को ‘‘पोषण महोत्सव’’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सीधी जिले के 15 नव निर्मित
आंगनवाड़ी केंद्रों सहित प्रदेश की नव निर्मित 601 आंगनवाड़ी
भवनों का ई-लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा
ई-लाडली लक्ष्मी प्रमाण पत्रों का वितरण तथा 6वीं एवं 9वीं कक्षा में
प्रवेश प्राप्त करने वाली लाडली लक्ष्मी योजना की हितग्राहियों को
छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। सीधी जिले की कक्षा 6वीं में प्रवेश करने
वाली 791 लाडली लक्ष्मी को 2 हजार रुपये प्रत्येक के मान से 15 लाख 82
हजार रुपये तथा कक्षा 9वीं में प्रवेश करने वाली 205 लाडली लक्ष्मी को 4
हजार रुपये प्रत्येक के मान से 8 लाख 20 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदाय किये
गये। इसके साथ ही सीधी जिले अंतर्गत 2079 ई-लाडली प्रमाण पत्र का
वितरण किया गया। इस अवसर पर प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने का संकल्प लिया
गया। प्रदेश के सभी अति कम वजन एवं कम वजन के बच्चों के पोषण स्तर
में सुधार के लिए दुग्ध वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री द्वारा
किया गया।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक धौहनी श्री
कुंवर सिंह टेकाम द्वारा जिला स्तरीय पोषण प्रबंधन रणनीति का विमोचन
किया गया। विधायक श्री टेकाम ने कहा कि स्थानीय उपलब्ध खाद्य
सामग्रियों से ही कुपोषण को दूर करने की रणनीति बनायी जाए। पहले के
समय में लोग अपने आसपास उपलब्ध खाद्य सामग्रियों का उपयोग करते थे
तथा एक स्वस्थ दिनचर्या का पालन करते थे, जिसके कारण लोग स्वस्थ रहते
थे। विगत कुछ समय में खान-पान की आदतें और दिनचर्या बदलने से
कुपोषण की समस्या बढ़ी है। विधायक श्री टेकाम ने कहा कि कुपोषण
की समस्या को दूर करने में आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण
भूमिका है, लेकिन प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सभी
विभागों के साथ-साथ गैर शासकीय लोगों को भी एक साथ आकर
काम करने की आवश्यकता है। विधायक श्री टेकाम ने कहा कि संतुलित पोषण
के विषय में जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। लोगों को उनके आसपास
उपलब्ध खाद्य पदार्थों के विषय में बताया जाए, जिससे एक स्वस्थ और
सुरक्षित समाज का निर्माण हो सके।
कलेक्टर श्री रवींद्र कुमार चौधरी ने कहा कि कुपोषण
को दूर करना एक बड़ी चुनौती है। इसे दूर करने के लिए एक रणनीति के
अंतर्गत कार्य करने की आवश्यकता है। कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि इसके
लिए एक कोर टीम का निर्माण किया जाएगा जो जिले में कुपोषित बच्चों
की संख्या के आधार पर स्थानों का चिन्हांकन करेगी तथा एरिया आधारित
अप्रोच द्वारा कुपोषण पर प्रहार किया जाएगा। कलेक्टर श्री चौधरी ने इस
अभियान में सभी विभागों को एक जुट रहकर कार्य करने के लिए कहा
है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अवधेश सिंह ने बताया कि ग्राम
एवं नगरीय क्षेत्र के वार्ड की स्वास्थ्य, पोषण कार्य योजना का वाचन
सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में किया गया। प्रत्येक ग्राम तथा नगरीय
क्षेत्र के कुपोषण की रोकथाम एवं निवारण हेतु प्रयास किये जाने के लिये
पोषण संकल्प सभी आंगनवाड़ी में किया गया। आंगनवाड़ी
केंद्रों में विभाग के सहयोग से फलों एवं सब्जियों के
पौधारोपण कर 100 पोषण वाटिका का निर्माण आंगनवाड़ी में
प्रारंभ किया गया। 23309 कुपोषित एवं अति गंभीर कुपोषित बच्चों
को ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से दूध वितरण का कार्यक्रम प्रारम्भ
किया गया। प्रधानमंत्री मातृवदना योजना अंतर्गत 4153 प्रथम गर्भवती
महिलाओं को प्रथम किश्त की राशि एक हजार रुपये के मान से उनके बैंक
खाते में भुगतान किया गया।